शिमला
कोरोना को लेकर लॉकडाउन के चलते हिमाचल में परिवहन सेवाएं ठप हैं। ऐसे में सरकार ने सरकारी और निजी बसों से स्पेशल रोड टैक्स (विशेष पथ कर) न लेने का फैसला लिया है। इस टैक्स में तब तक छूट रहेगी, जब तक सेवाएं बंद रहती है। व्यावसायिक वाहन का टोकन टैक्स माफ करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।
टोकन टैक्स कितने महीने का माफ करना है, इस पर फैसला लिया जाना है। हिमाचल में 33 सौ परिवहन निगम और 31 सौ प्राइवेट बसें हैं। इन दोनों से परिवहन विभाग प्रति किलोमीटर प्रति सवारी के हिसाब से स्पेशल रोड टैक्स लेता है। परिवहन विभाग का कहना है कि पिछले 23 दिनों से परिवहन निगम और निजी ऑपरेटरों की बसें खड़ी हैं, जब सेवाएं बंद हैं तो ऐसी स्थिति में ऑपरेटर कहां से टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।
परिवहन विभाग को प्रतिदिन साढे तीन करोड़ का घाटा हो रहा है। परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने इसकी पुष्टि की है। प्रदेश में 16582 छोटे कामर्शियल वाहन हैं। इनमें 12 प्लस 7913, 4242 ऑटो रिक्शा, 638 स्कूल और वॉल्वो बसें आदि शामिल हैं।